हर रोज कुछ न कुछ दर्द दे ही जाते हो। हर रोज कुछ न कुछ दर्द दे ही जाते हो।
तुम्हारे होने की अनुभूति होती है सब कुछ घुलने लगता है! तुम्हारे होने की अनुभूति होती है सब कुछ घुलने लगता है!
कुछ और नहीं बस पागलपन करने का मन करता है, तेरे बिन कुछ और नहीं बस मरने का मन करता है कुछ और नहीं बस पागलपन करने का मन करता है, तेरे बिन कुछ और नहीं बस मरने का मन ...
मेरे नाम से ही अब मुस्कुराने लगें हैं वो , ये इश्क़ नहीं है तो और क्या है। मेरे नाम से ही अब मुस्कुराने लगें हैं वो , ये इश्क़ नहीं है तो और क्या है।
मैं सिर्फ़ एक नाम नहीं, जो उन हज़ारों नाम के बीच, खो जाए! मैं सिर्फ़ एक नाम नहीं, जो उन हज़ारों नाम के बीच, खो जाए!
बांध ले अपनी हिम्मत को , तिल -तिल कर मरना । अब और नहीं ...अब और नहीं। बांध ले अपनी हिम्मत को , तिल -तिल कर मरना । अब और नहीं ...अब और नहीं।